कबीर साहेब को मारने के लिए शेखतकी ने की 52 बदमाशियां!

कबीर साहेब को मारने के लिए शेखतकी ने की 52 बार नाकाम कोशिश ! 

52 बदमाशी - 52 बार कबीर परमेश्वर को मारने का प्रयास किआ गया।

       कबीर साहेब जी को 52 कसनी (52 बदमाशी) दी गयी। फिर भी उनका कुछ नहीं हुआ क्योंकि कबीर साहेब जी अविनशी थे।लगभग 600 साल पहले जब परमेश्वर कबीर साहेब जीवों का उद्धार करने के लिए धरती पर आये तो पाखंडवाद का विरोध किया और सद्ग्रंथो में वर्णित सत्यभक्ति का प्रकाश फैलाया। हिन्दु धर्म में प्रचलित पाखंड पूजाएं, शास्त्र विरुद्ध साधनाओं और मुस्लिम धर्म में प्रचलित जीव हत्या का कबीर परमात्मा ने पुरजोर विरोध किया। उस समय परमात्मा के 64 लाख शिष्य हुए। दोनों धर्मों के और सभी वर्गों के व्यक्तियों ने परमेश्वर कबीर साहेब से उपदेश प्राप्त किया क्योंकि परमेश्वर कबीर साहेब के आशीर्वाद से सभी के दुखों का अंत हो जाता था। उन्ही शिष्यों में से एक था दिल्ली का सुल्तान सिकंदर लोधी।


सिकंदर लोधी के जलन का रोग था जिसका इलाज वो हर पीर फ़कीर से करवा कर थक चुका था। उसका वो रोग परमात्मा कबीर साहेब जी की शरण में आने के बाद ही ठीक हुआ था। उसी के सामने कबीर परमात्मा ने स्वामी रामानंद जी और एक मृत गाय को जीवित किया थ। तब से सिकंदर लोधी, कबीर साहेब जी को अल्लाह मानता था। इस कारण से सिकंदर लोधी का धार्मिक गुरु शेख तकि कबीर साहेब से ईर्ष्या करता था । कबीर साहेब को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने कई बार उन्हें मरवाने की नाकाम कोशिश की।

52 कसनी (बदमाशी) में से मख्य यातनाएं
शेखतकी ने कबीर साहेब जी को 52 तरह की यातनाएं दीं थी, जिनमें से मुख्य निम्नलिखित है.

उबलते तेल के कड़ाहे में डालना

शेख तकि ने हज़ारों मुसलमानों को इकठ्ठा करके कहा कि हम कबीर को उबलते तेल की कढ़ाही में डालेंगे। अगर ये नहीं मरा तो मान लेंगे कि ये अल्लाह है। तेल कि कढ़ाही को उबालकर कबीर साहेब को बुलाया गया। कबीर परमात्मा उबलते तेल के कढ़ाहे में स्वयं ही विराजमान हो गए। सभी इस इंतज़ार में थे कि कबीर साहेब जल जाएंगे पर परमात्मा खौलते हुए तेल में आराम से बैठे रहे और सबको दर्शा दिया कि वो अविनाशी हैं पर शेख तकि कबीर साहेब से माफ़ी मांगने कि बजाए उनसे और ज्यादा ईर्ष्या करने लगा और फिर उसने कबीर साहेब को मरवाने के लिए अगली योजना बनाई।

झेरे कुएं में डालना
अपनी अगली योजना के तहत शेख तकि कबीर साहेब को बांध कर ले गया और ले जा कर एक गहरे झेरे कुएं में डलवा दिया। उसके बाद उस कुएं को मिट्टी, गोबर, कांटे आदि डाल कर 150 फ़ीट ऊपर तक भरवा दिया। कबीर साहेब को मृत मानकर शेख तकि सिकंदर लोधी के पास ये खुशखबरी सुनाने के लिए गया। वहां परमात्मा कबीर साहेब को सिकंदर लोधी के पास ही आसन पर बैठा देखकर शेख तकि गुस्से से जल भुन गया फिर भी कबीर जी को परमात्मा नहीं माना।

तलवार से कटवा कर मारने की कोशिश
गुस्से में शेख तकि ने कबीर साहेब को तलवार से कटवा कर टुकड़े टुकड़े करने की ठानी। इस कुकृत्य के लिए शेखतकी ने कुछ गुंडे तैयार किये। जब परमेश्वर कबीर साहेब जी रात्रि में सोने की लीला कर रहे थे उस समय शेखतकी उन गुंडों के साथ परमात्मा की कुटिया में आया और कबीर परमात्मा पर तलवारों से अंधाधुंध वार किये। जब कबीर साहेब को मृत जानकार सभी वहां से जाने लगे तभी कबीर परमेश्वर उठ खड़े हुए। उनको भूत समझकर सभी गुंडे और शेखतकी डर कर वहां से भाग गए।

खूनी हाथी से मरवाने की चेष्टा
इसी तरह कबीर परमात्मा को ख़त्म करने के लिए हिन्दू और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बहुत से प्रयास किये। बादशाह सिकंदर लोधी से उनकी झूठी शिकायतें करके उनको कई बार सज़ा करवाने की कोशिश की गयी। ऐसे ही एक बार सिकंदर लोधी ने कबीर साहेब को हाथी से कुचलवाने की सजा दी। कबीर परमात्मा जी के हाथ पाँव बांध कर उन्हें एक मदोन्मत खूनी हाथी के आगे डाल दिया गया।

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पर जब हाथी कबीर परमात्मा को मारने के लिए आगे बढ़ा तो उसे परमात्मा के स्थान पर एक बब्बर शेर दिखाई दिया। सिकंदर लोधी को भी परमात्मा का विराट रूप दिखाई दिया। हाथी अपनी जान बचा कर भाग गया तथा राजा भी थर्र थर्र काँपता हुआ नीचे आया और कबीर परमेश्वर को दंडवत प्रणाम किया।

गंगा में डुबो कर मारने की कोशिश
जब ये प्रयास भी सफल न हुआ तो कबीर जी को गंगा में डुबो कर मारने की कोशिश की गयी। उनके हाथ पांव बांध कर उन्हें गंगा में डाल दिया गया पर सर्व शक्तिमान कबीर परमेश्वर जल के ऊपर आराम से बैठे रहे। जब कबीर साहेब नहीं डूबे तो चार पहर तक उनके ऊपर गोलियां और तोपों की बारिश की गयी। सबने अपने परम पिता परमात्मा पर पत्थर बरसाए। पर परमेश्वर कबीर साहेब को कोई हानि नहीं पहुंची। तब कबीर साहेब वहां से अंतर्ध्यान हो गए और अपनी कुटिया में प्रकट हो गए।

इस प्रकार परमात्मा कबीर साहेब को 52 कसनी दी गयी अर्थात उन्हें 52 बार मरवाने की कोशिश की गयी पर परमात्मा को कोई हानि नहीं पहुंची क्योंकि परमेश्वर कबीर साहेब अजर अमर अविनाशी हैं।

कबीर परमेश्वर को तोप के गोलों से मारने की व्यर्थ चेष्टा
कबीर जी को मारने के लिए शेखतकी के आदेश पर पहले पत्थर मारे, फिर तीर मारे। परन्तु परमेश्वर की ओर पत्थर या तीर नहीं आया। फिर चार पहर तक तोप यंत्र से गोले चलाए गए।
लेकिन दुष्ट लोग अविनाशी कबीर जी का कुछ नहीं बिगाड़ सके।
दिल्ली के सम्राट सिकंदर लोधी ने जनता को शांत करने के लिए अपने हाथों से हथकड़ियाँ लगाई, पैरों में बेड़ी तथा गले में लोहे की भारी बेल डाली आदेश दिया गंगा दरिया में डुबोकर मारने का। उनको दरिया में फैंक दिया। कबीर परमेश्वर जी की हथकड़ी, बेड़ी और लोहे की बेल अपने आप टूट गयी। परमात्मा जल पर सुखासन में बैठे रहे कुछ नहीं बिगड़ा।

साँप से कटवाकर मारने की कोशिश
कबीर साहेब जब सत्संग कर रहे थे तब शेखतकी ने सिपाही से कहा कि इनके गले में जहरीला साँप डाल दो लेकिन वो साँप कबीर साहेब के गले में डालते ही सुंदर पुष्पों की माला बन गया। क्योंकि कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा थे।

गर्म लोहे पर मारने की कोशिश
कबीर साहेब सिकंदर लोधी के दरबार में बैठकर सत्संग कर रहे थे तब शेखतकी ने सिपाही से कहा कि लोहे को गर्म करके पिघलाकर पानी की तरह बनाओ और कबीर साहेब पर डालो। ठीक ऐसा ही हुआ जब लोहा गर्म करके पिघलाकर कबीर साहेब पर डाला तब वह फूल बन गए जैसे की मानो फूलों की वर्षा होने लगी। तब सभी ने कबीर साहेब की जय जयकार लगाई।

परमात्मा के शरीर में कीले ठोकने का व्यर्थ प्रयत्न
कबीर साहेब को मारने के लिए एक दिन शेखतकी ने सिपाहियों को आदेश दिया की कबीर साहेब को पेड़ से बांधकर शरीर पर बड़ी बड़ी कील ठोक दो। लेकिन जब कील ठोकने चले तो सिपाहियों के हाथ पैर काम करना बंद हो गए और वो वहाँ से भाग गए और शेखतकी को फिर परमात्मा कबीर साहेब के सामने लज्जित होना पड़ा।

कबीर साहेब के नाम से झूटी चिट्टी डलवाना
शेखतकी पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3 दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी सभी आश्रमों में झूठी चिठ्ठी डलवाई थी कि कबीर जी 3 दिन का भंडारा करेंगे सभी आना भोजन के बाद एक मोहर, एक दोहर भी देंगे। कबीर साहेब ने 3 दिन का मोहन भंडारा भी करा दिया था और कबीर साहेब की महिमा भी हुई।

भूखा प्यासा मारने की चेष्टा
एक दिन शेखतकी ने कबीर साहेब को नीम के पेड़ में लोहे के तार से बांधकर भूखा प्यासा छोड़ दिया और सोचा कि कबीर साहेब मर जाएंगे। लेकिन कबीर साहेब को कुछ नहीं हुआ और वो वापिस जीवित दरबार में पहुँच गए।
पानी से पैदा नहीं, स्वांसा नहीं शरीर।
अन्न आहार करता नहीं, ताका नाम कबीर।।
मुर्दे को जीवित करने की परीक्षा लेना 
दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेख तकी ने कहा कबीर जी को तब अल्लाह मानेंगे जब मेरी मरी हुई लड़की को जीवित कर देगा जो कब्र में दबी हुई है। कबीर परमेश्वर जी ने अपनी समर्थ शक्ति से हजारों लोगों के सामने उस लड़की को जीवित किया और उसका नाम कमाली रखा। कबीर परमेश्वर सर्वशक्तिमान हैं।

कबीर साहेब को जहरीले बिच्छू द्वारा मारने का प्रयास

शेखतकी के आदेश पर सिपाही बहुत सारे बिच्छू टोकरी में भरकर सिकंदर लोधी राजा के दरबार में गए जहाँ कबीर साहेब सत्संग कर रहे थे फिर सिपाहियों ने कबीर साहेब पर बिच्छू छोड़ना शुरू कर दिया। लेकिन सभी बिच्छू कबीर साहेब तक पहुँचने से पहले ही विलीन हो गए।
यह देखकर सभी लोग हैरान हो गए और कबीर साहेब के जयकारे लगाने लगे।

शेखतकी ने जुल्म गुजारे, बावन करी बदमाशी,
खूनी हाथी के आगे‌ डालै, बांध जूड अविनाशी,
हाथी डर से भाग जासी, दुनिया गुण गाती है।

शेखतकी ने अविनाशी को मारने के लिए खूनी हाथी के आगे डाला। हाथी कबीर भगवान के पास जाते ही डर कर भाग गया। तब लोगों ने कबीर साहेब की जय-जय कार की। कबीर भगवान अविनाशी है।


इस तरह से 52 बार मारने का प्रयास किया गया था कबीर परमात्मा को।                                   
वेद गवाही देते हैं कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव(कबीर साहेब) राजा के समान दर्शनीय हैं। वे सतलोक में रहते हैं और अपनी अच्छी आत्माओं और दृढ़ भगतों को सत्य भक्ति का ज्ञान करवाने के लिए वो परमात्मा स्वयं ही पृथ्वी पर प्रकट होते हैं। उसी प्रकार परमात्मा कबीर साहेब 600 साल पहले सशरीर पृथ्वी पर आये थे और 120 साल तक पृथ्वी पर सतभक्ति का ज्ञान देकर सशरीर ही वापिस चले गए थे। मगहर में आज भी इस घटना की यादगार बनी हुई है।
🔸वर्तमान में कबीर साहेब के नुमाइंदे संत रामपाल जी महाराज जी हैं। उन्होंने कबीर साहेब द्वारा दिया गया दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान उजागर कर दिया और जिस तरह से कबीर साहेब को परेशान किया गया उसी तरह से आज संत रामपाल जी महाराज को परेशान किया जा रहा है लेकिन पूर्ण गुरु होने के कारण उनका कुछ कोई नहीं बिगाड़ सका और उनका ज्ञान लगातार फैल रहा है। आप भी जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी के दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के लिए जरूर देखें साधना TV रात 7:30 pm से.

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