जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के अवतरण दिवस पर विशेष !

 
Sant Rampal Ji Maharaj Ji Images 

महापर्व 8 सितंबर संत रामपाल जी महाराज अवतरण दिवस।

वर्तमान में फैली हुई अशांति के माहोल को देखकर सभी के मन में एक ही सवाल उठता है कि, आखिर समाज सुधार कैसे होगा?

आज़ तक लाखों कोशिश और कड़े कानून से लागू करने के बाद भी सरकार या कोई भी धर्मगुरु समाज सुधार नहीं कर पाया। वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज एक ऐसे स्वच्छ समाज के निर्माण का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं, जो हमारी कल्पनाओं से भी परे हैं।

संत रामपाल जी महाराज जी का संघर्ष! 

संत रामपाल जी महाराज जी के गुरु स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने सन् 1993 में उन्हें सत्संग करने की तथा 1994 में नाम दान करने की आज्ञा प्रदान की। संत रामपाल जी महाराज ने भक्ति और मानव कल्याण हेतु जे.ई. की पोस्ट से तुरंत त्यागपत्र दे दिया और सन 1994 से 1998 तक  घर-घर, गाँव-गाँव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया और अज्ञानी संतो का विरोध भी बढ़ता गया। लेकिन इसकी परवाह न करते हुए संत रामपाल जी महाराज ने अपने भरे पूरे खुशहाल परिवार के साथ ही अपना सर्वस्व न्यौछावर करके आज़ तक समाज सुधार और मानव कल्याण हेतु कार्य कर रहे हैं, साथ ही शास्त्रों में प्रमाणित सतभक्ति मंत्र भी प्रदान कर रहे हैं। 

एक नई जीने की राह दिखाई है संत रामपाल जी महाराज ने! 

संत रामपालजी महाराज विश्व में एकमात्र ऐसे संत हैं जो ना केवल आत्म उद्धार बल्कि समाज सुधार के लिए भी कार्यरत हैं। संत रामपाल जी महाराज सर्वगुण सम्पन्न संत हैं, वे एक सच्चे जगतगुरु भी हैं जो परमेश्वर के विषय में ना सिर्फ सच्चा ज्ञान बल्कि जीने की सही राह भी बताते हैं।

संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिया गया तत्व ज्ञान पूरे विश्व में आग की तरह फैल रहा है। लाखों लोगों ने संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान ग्रहण किया है। संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुनने से आत्मा निर्मल हो जाती है तथा इंसान बुराइयों से दूर हो जाता है। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद इंसान में अनेकों परिवर्तन आ जाते हैं जिससे समाज में फैली हुई बुराइयां जड़ से समाप्त हो रही हैं।

संत रामपाल जी महाराज द्वारा दी गयी शिक्षा से लोगों में आपसी भाई चारा तथा आपस में सहयोग की भावना जगती है। इतना ही नही संत जी का ज्ञान सुनने के बाद लोग एक दूसरे की सहायता करने के लिए तत्पर रहते हैं।

संत रामपालजी महाराज का नारा है:-

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।


संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य:- समाज सुधार से जनकल्याण तक।

संत रामपालजी महाराज ने जाति, धर्म व उच्च पद से मुक्त वास्तविक भक्ति मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ चाहे कोई भी जाति, धर्म, किसी भी उच्च पोस्ट प्राप्त भाई बन्धु जाए। वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहाँ न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी उच्च पद का।

संत रामपाल जी का उद्देश्य है कि सभी मानव चाहे वह किसी भी जाती, पंथ, रंग, धर्म के हो, वे सभी एक पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर वापस लौटें।

संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में विशेष योगदान! 

संत रामपाल जी ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ-साथ समाजहित के लिए भी कई बड़े कदम उठाए हैं, वे चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण दुःखी न हो। उनकी हर समस्या का समाधान हो। समाज बुराईयों रहित बने। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए।

संत रामपाल जी महाराज जी का एक ही सपना है कि सम्पूर्ण विश्व दहेज़, नशा, पाखंड, भ्रष्टाचार, छुआछूत, रिश्वत खोरी आदि जैसी बुराइयों से मुक्त हो जाये।

संत रामपाल जी महाराज का सफल हो रहा समाज सुधार मिशन! 

संत रामपालजी महाराज ने आध्यात्मिक मार्ग में फैले पाखंडवाद को समाप्त कर सभी प्रमाणित धर्मग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति जन साधारण तक पहुँचाई है। इसके साथ ही वे दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण कर रहें है।

संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षाओं से अब बेटी बोझ नहीं! 

उनका कोई अनुयायी दहेज़ ना लेता है ना देता है, उनके बताये शास्त्रानुसार अमृत ज्ञान के प्रभाव से देश में अब महज 17 मिनट में गुरुवाणी द्वारा अनेको दहेज़ रहित शादियाँ हो रही हैं।

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों के द्वारा बिना किसी दान-दहेज के अद्भुत, अद्वितीय विवाह सम्पन्न किये जाते हैं जिनसे दहेज नामक राक्षस से छुटकारा तो मिला ही है, साथ ही में फिजूलखर्ची व दिखावे पर विराम चिन्ह लगा है, क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि जब विवाह महज संयोग है तो फिर व्यर्थ की फिजूलखर्ची क्यों, इस धन का दुरूपयोग न करते हुए इसे सही जगह पर दान-धर्म पर लगाया जाए जिससे वह धन अवश्य फलीभूत होगा और उसका कई गुना लाभ मिलेगा। इस तर्ज पर सन्त रामपाल जी महाराज ने अद्भुत रमैनी के माध्यम से विवाह आरम्भ करवाये। जिसमें विश्व के सभी देवी देवताओं के आव्हान के साथ पूर्ण परमेश्वर की प्रार्थना से रमैनी मात्र 17 मिनट में सम्पन्न हो जाती हैं। रमैनी के माध्यम से लाखों जोड़े विवाह बंधन में बंध चुके हैं एवं सुखी जीवन जी रहे हैं।

संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते! 

इसके अलावा संत रामपालजी महाराज ने नशा सेवन पर भी अंकुश लगाया है, वास्तविकता में सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ही नशे को पुरी तरह जड़ से खत्म कर सकते हैं क्योंकि उनका शिष्य बनने के लिए सबसे पहला नियम यही है कि वह व्यक्ति आजीवन नशा नहीं करेगा।

आजकल युवा वर्ग से लेकर बड़े तक नशे के आदि हो गये हैं। इस नशे से लाखों लोगों के घर उजड गए हैं लेकिन संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी नशा करना तो दूर किसी को नशीली चीजे लाकर भी नही देते हैं। इससे स्पष्ट हुआ कि संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व से नशे रूपी बीमारी को जड़ से खत्म कर रहे हैं।

एक बार संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान हृदय में समा जाने के बाद इंसान के अंदर चोरी , ठगी , रिश्वतखोरी जैसी कुरीतियां अपने आप दूर हो जाती हैं, ये सब परिवर्तन सत्संग सुनने से आते हैं। आज के मानव समाज से अनुरोध है एक बार संत रामपाल जी महाराज का सतसंग सुनें और विचार करें कि क्या बुराइयां छोड़ना अच्छी बात नहीं है। अगर नशा करना अच्छी बात है तो फिर छोटे छोटे बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए क्यों सलाह देते हैं क्योंकि नशा करने से इंसान की दुर्गति होती है। 

संत रामपाल जी ने पाखण्डवाद का सफलतापूर्वक सही तर्कों के साथ खंडन किया है।

संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संग में बताते है कि इंसान छोटा हो या बड़ा हो गलत काम करने वालो को उसका गलत परिणाम भुगतना पड़ता है।

सन्त रामपाल जी महाराज एकमात्र ऐसे सन्त हैं जिन्होंने पाखण्डवाद का सफलतापूर्वक सही तर्कों के साथ खंडन किया है। उन्होंने धर्म के नाम पर अंधाधुंध फैले व्यापार को उजागर किया, शास्त्रों का नाम लेकर मनमानी क्रियाओं का खंडन किया। इतना ही नहीं बल्कि सन्त रामपाल जी ने सभी शास्त्रों को खोला और पढ़कर सुनाया। जनता को तत्वज्ञान से परिचित करवाया। सन्त रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं। व्रत, उपवास, जीवहत्या, मांसाहार, सुरापान, मूर्तिपूजा के विषय में शास्त्र क्या कहते हैं इस विषय में केवल सन्त रामपाल जी महाराज ने शास्त्र खोलकर प्रमाण दिया।

8 सितम्बर को संत रामपालजी महाराज का अवतरण दिवस है, जिनके सत्संग वचनो से ना केवल लोकवेद की गलत धारणाओं से छुटकारा मिल रहा है बल्कि वास्तविक समाज सुधार भी हो रहा है, क्योंकि संत रामपालजी महाराज का बताया सम्पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान बिलकुल शास्त्रानुसार है, शास्त्रानुसार भक्ति करने से ही सांसारिक लाभ व मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

8th September Avataran Diwas


संत रामपाल जी महाराज जी के 71वें अवतरण दिवस पर देखिये विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण

साधना चैनल पर 11:00 AM - 01:00 PM

MH1 श्रद्धा चैनल पर 10:00 AM - 01:00 PM

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